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Collateral Free Loans Limit Raised to ₹2 Lakh: कृषि क्षेत्र के लिए बिना गारंटी वाले ऋण सीमा में वृद्धि: भारतीय रिजर्व बैंक का नया दिशानिर्देश।

Collateral Free Loans

6 दिसंबर, 2024 को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक महत्वपूर्ण सर्कुलर(RBI/2024-2025/96
FIDD.CO.FSD.BC.No.10/05.05.010/2024-25
) जारी किया है, इस सर्कुलर में आरबीआई ने बिना सिक्योरिटी या गारंटी (Collateral free Loans) वाले कृषि ऋणों की सीमा को ₹1.6 लाख से बढ़ाकर ₹2 लाख कर दिया है। यह कदम किसानों और संबंधित गतिविधियों में लगे लोगों को अधिक सहायता देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। इस निर्णय से किसानों को खेती और उससे जुड़ी गतिविधियों के लिए ऋण लेने में सहूलियत होगी।

Collateral Free Loans: पृष्ठभूमि

यह निर्णय आरबीआई द्वारा 7 फरवरी 2019 को जारी किए गए सर्कुलर के संदर्भ में लिया गया है, जिसमें बंधक-मुक्त कृषि ऋणों की सीमा ₹1.6 लाख तय की गई थी। पिछले कुछ वर्षों में कृषि लागत और मुद्रास्फीति में लगातार वृद्धि को देखते हुए यह सीमा अपर्याप्त साबित हो रही थी। इसी को ध्यान में रखते हुए, आरबीआई ने इस सीमा को बढ़ाने का फैसला किया।

Collateral Free Loans: नई ऋण सीमा

आरबीआई(RBI) ने इस सर्कुलर के जरिए सभी शड्यूल्ड वाणिज्यिक बैंकों (जिसमें क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक और छोटे वित्त बैंक भी शामिल हैं), राज्य सहकारी बैंकों और जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे बिना गारंटी वाले कृषि ऋणों(Collateral Free Loans) की सीमा को ₹1.6 लाख से बढ़ाकर ₹2 लाख कर दें।

इसके साथ ही, इन ऋणों के लिए बैंकों को किसी प्रकार की गारंटी या मार्जिन की आवश्यकता नहीं होगी। यह निर्णय कृषि क्षेत्र में बढ़ती लागत और मुद्रास्फीति को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। इससे पहले RBI ने इसे फरवरी, 2019 में ₹ 1 लाख से बढ़ाकर ₹ 1.6 लाख किया गया था।

बढ़ी हुए ऋण सीमा के लाभ: Collateral Free Loans

बिना सिक्योरिटी या गारंटी के लोन :Collateral Free Loans

अब ₹2 लाख तक का ऋण लेने के लिए किसानों को अब अपनी संपत्ति बैंको के पास बंधक नहीं रखनी पड़ेगी।

मार्जिन की आवश्यकता नहीं :

बैंकों द्वारा मार्जिन मनी की आवश्यकता को भी समाप्त कर दिया गया है।

संबद्ध गतिविधियां(Allied activity):

 यह सुविधा केवल खेती तक सीमित नहीं है, बल्कि पशुपालन, मछलीपालन, मुर्गीपालन आदि जैसी सहायक कृषि गतिविधियों पर भी लागू होगी।

ब्याज सहायता योजना (Interest Subvention Scheme):

इस योजना के तहत किसानों को 3 लाख रुपये तक के लोन पर ब्याज सहायता दी जाएगी, जिसे वे कृषि और संबद्ध गतिविधियों जैसे पशुपालन, डेयरी, मछली पालन, मधुमक्खी पालन आदि के लिए उपयोग कर सकते हैं। इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को किफायती दर पर लोन उपलब्ध कराना है, ताकि वे अपनी कृषि सम्बन्धी गतिविधियों को सुचारू रूप से चला सकें और लाभ उठा सकें

क्यों किया गया यह बदलाव?:

कृषि क्षेत्र में पिछले कुछ वर्षों में बढ़ती मुद्रास्फीति और कृषि लागत के कारण किसानों की वित्तीय स्थिति प्रभावित हुई है। खाद्य वस्तुओं, उर्वरकों और अन्य कृषि सामग्रियों की कीमतों में लगातार वृद्धि ने किसानों को कर्ज लेने के लिए मजबूर किया है। इसके अलावा, कृषि गतिविधियों के लिए कर्ज प्राप्त करने के लिए जरूरी गारंटी की आवश्यकता भी एक बड़ा अवरोध रही है।

आरबीआई का यह निर्णय इस समस्या को दूर करने की दिशा में एक कदम है। अब किसान बिना किसी गारंटी(Collateral Free Loans) के ₹2 लाख तक का ऋण प्राप्त कर सकते हैं, जिससे उन्हें खेती की लागत को उठाने में आसानी होगी। इस कदम से न केवल कृषि क्षेत्र को पुनः मजबूत बनाने में मदद मिलेगी, बल्कि इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी नया जीवन मिलेगा।

क्या क्या बदलाव होंगे?:

  • ऋण सीमा में वृद्धि: अब किसान ₹2 लाख तक का कृषि ऋण बिना किसी गारंटी के प्राप्त कर सकेंगे।
  • सहायक गतिविधियाँ भी शामिल: यह बदलाव कृषि के अलावा कृषि से संबंधित सहायक गतिविधियों, जैसे डेयरी, मुर्गी पालन, मत्स्य पालन आदि के लिए भी लागू होगा।
  • मार्जिन और गारंटी की छूट: इन ऋणों के लिए अब किसी भी प्रकार की गारंटी या मार्जिन की आवश्यकता नहीं होगी।

बैंकों के लिए दिशा-निर्देश:

आरबीआई ने बैंकों को निर्देश दिया है कि वे 1 जनवरी 2025 तक इस बदलाव को प्रभावी करें और साथ ही इस नए नियम की व्यापक प्रचार-प्रसार भी करें। इसके लिए बैंकों को पर्याप्त प्रचार सामग्री तैयार करने और किसानों को इस बदलाव के बारे में अवगत कराने के लिए कदम उठाने को कहा गया है।

Collateral Free Loans
Collateral Free Loans

यह निर्णय क्यों महत्वपूर्ण है?:

किसानों पर वित्तीय दबाव कम होगा: बंधक की शर्त हटने से छोटे और मझोले किसान अब आसानी से ऋण प्राप्त कर सकेंगे। इससे वे महाजन और अन्य असंगठित वित्तीय स्रोतों पर निर्भर होने से बचेंगे।

निष्कर्ष-

आरबीआई का यह कदम न केवल किसानों के लिए आर्थिक रूप से फायदेमंद है, बल्कि यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करेगा। बैंकों की यह जिम्मेदारी बनती है कि वे इस योजना को तेजी से लागू करें और किसानों तक इसकी जानकारी पहुंचाएं।
किसानों को चाहिए कि वे इस योजना का लाभ उठाकर अपनी कृषि और उससे जुड़ी गतिविधियों को सशक्त बनाएं और भारत को कृषि क्षेत्र में और अधिक आत्मनिर्भर बनाएं।

आरबीआई द्वारा बिना गारंटी(Collateral Free Loans) के कृषि ऋण की सीमा बढ़ाने का निर्णय भारतीय कृषि क्षेत्र के लिए एक बहुत बड़ा सकारात्मक कदम है। इस कदम से किसानों को उनकी उत्पादन लागत को पूरा करने में सहायता मिलेगी और साथ ही कृषि उत्पादकता को बढ़ावा मिलेगा। सरकार और बैंकों के सहयोग से इस बदलाव का सही ढंग से क्रियान्वयन होने पर भारतीय कृषि क्षेत्र में एक नया अध्याय शुरू हो सकता है। 

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