RBI updates on Gold Loan: आरबीआई ने हाल ही में गोल्ड के आभूषणों और गहनों के खिलाफ गिरवी रख कर दिए गए गोल्ड ऋणों की समीक्षा(Review) की जिसमे बहुत सी कमियां पाई गई। आरबीआई ने गोल्ड लोन में बरती जा रही अनियमितताओं पर गहरी चिंता व्यक्त की है। आरबीआई ने 30 सितंबर 2024 को एक सर्कुलर जारी किया जिसमे आरबीआई द्वारा गोल्ड लोन में शामिल कुछ पर्यवेक्षक संस्थाओं (Supervised Entities) द्वारा बरती जा रही अनियमितताओं (irregularties) उजागर किया गया और इनको दूर करने के निर्देश भी जारी किए।
गोल्ड लोन देने में बरती जा रही लापरवाही : RBI updates on Gold Loan
ऋणों की सोर्सिंग और मूल्यांकन के लिए तीसरे पक्ष (Third party) का अनुचित उपयोग:
स्वर्ण ऋण प्रक्रियाओं में फिनटेक कंपनियों और बिजनेस कॉरेस्पोंडेंट (बीसी) जैसी तीसरे पक्ष (Third party) की संस्थाओं की भागीदारी के कारण कई खामियां सामने आई , जिनमें ग्राहक की उपस्थिति के बिना सोने का मूल्यांकन और बैंक शाखाओं में सोने को सुरक्षित रूप से स्थानांतरित करने में देरी एवं असुरक्षित परिवहन शामिल है।
- ग्राहक की अनुपस्थिति में सोने का मूल्यांकन(Valuation of Gold) करना: ग्राहक की गैर उपस्थिति में, प्रायः अयोग्य तृतीय पक्षों द्वारा स्वर्ण का मूल्यांकन किये जाने के मामलें देखे गए है।
- अपर्याप्त उचित परिश्रम (Due diligence) एवं गोल्ड लोन की अंतिम उपयोग की निगरानी (End use) की कमी होना: पर्यवेक्षित संस्थाओं में ऋण निधियों में विशेष रूप से गैर-कृषि ऋणों की उचित निगरानी का अभाव पाया गया है।
- ग्राहक द्वारा गोल्ड लोन में डिफॉल्ट करने पर, गोल्ड की नीलामी के समय पारदर्शिता की कमी होना।
- लोन मूल्य (Loan amount)के लिए बंधक रखे गए गोल्ड के मूल्य (LTV: Loan To Value Ratio ) की निगरानी में कमी होना: पर्यवेक्षित संस्थाओं द्वारा यह भी नहीं देखा गया कि ऋण-से-मूल्य (एलटीवी) अनुपात नियामक सीमाओं के अनुरूप है या नहीं।
- आयकर अधिनियम का उल्लंघन: नकद में जारी किए गए गोल्ड लोन का उच्च प्रतिशत, आयकर अधिनियम, 1961 द्वारा निर्धारित सीमाओं का उल्लंघन करता है, जो आरबीआई द्वारा देखी गई एक और अनियमितता थी।
- रिस्क वेट (Risk weight) का गलत प्रयोग करना।यानी किसी गोल्ड लोन के ऊपर कितना रिस्क इन्वॉल्व रहता है, अतः रिस्क वेट का गलत प्रयोग करना।
- अल्पावधि में ऋण बंद करना: कुछ ऋण खाते असामान्य रूप से अल्पावधि में बंद कर दिए गए, जिससे उनके आर्थिक लाभ के बारे में संदेह उत्पन्न हो गया।
- एनपीए का कुप्रबंधन: गोल्ड लोन पोर्टफोलियो में गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (NPA) को ठीक से वर्गीकृत नहीं किया गया था। कुछ मामलों में, खराब ऋणों को छिपाने के लिए नए ऋण स्वीकृत किए गए या पुराने ऋणों को नवीनीकृत किया गया, जो आरबीआई द्वारा पाई गई एक और अनियमितता थी।
आरबीआई के निर्देश: RBI updates on Gold Loan
RBI updates on Gold Loan: आरबीआई ने कहा कि सभी पर्यवेक्षक संस्थाओं (Supervised Entities) को अपने गोल्ड ऋणों के लिए बनाई गई पॉलिसी एवं प्रक्रिया की व्यापक समीक्षा करनी चाहिए ताकि ऊपर बताई गई कमियों पर काबू पाया जा सके। और अपने गोल्ड लोन पोर्टफोलियो की बारीकी से निगरानी करनी चाहिए, विशेष रूप से कुछ संस्थाओं में गोल्ड लोन पोर्टफोलियो में उल्लेखनीय वृद्धि को देखते हुई आरबीआई द्वारा यह निर्देश दिए गए हैं। आरबीआई ने यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि आउटसोर्स एवं तीसरे पक्ष (Third party) के सेवा प्रदाताओं पर भी पर्याप्त नियंत्रण रखा जाना चाहिए।

कार्रवाई नहीं करने पर हो सकते हैं गंभीर परिणाम:
RBI updates on Gold Loan: आरबीआई ने सभी रेगुलेटेड संस्थानों से की गई कार्रवाई और लिए गए एक्शन के बार में सर्कुलर जारी होने के तीन महीनों के अंदर आरबीआई के सीनियर सुपरवाइजरी मैनेजर को सूचित करने को कहा है. आरबीआई ने सभी संस्थानों से कहा है कि कार्रवाई नहीं करने पर इसे गंभीरता से लिया जाएगा और फिर उचित कार्रवाई की जा सकती है।
निष्कर्ष:
आरबीआई ने सभी बैंकों और एनबीएफसी से इन कमियों को शीघ्र दूर करने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए अपनी नीतियों की गहन समीक्षा करने का आग्रह किया है। आरबीआई ने नियमों के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए तीसरे पक्ष की भागीदारी पर अधिक नियंत्रण और बेहतर निगरानी तंत्र की आवश्यकता पर भी बल दिया।